रवि के पत्र को पढकर गुलाबो सांतवे आसमान में उड़ने लगी । पहला प्रेमपत्र होता ही ऐसा है जो प्रेमियों के ख्वाबों को पंख लगा देता है । फिर तो ना दिल होश में रहता है और ना ही दिमाग । दीवानापन सा छा जाता है मन मष्तिष्क में ।
आंखों में सनम की सूरत लब पे सनम का नाम
जिसने पिया वो समझे कैसा है ये प्यार का जाम
गुलाबो के दिल ने कहा कि जब रवि ने प्रेमपत्र लिख कर भेजा है तो जवाब देने की उसकी भी जिम्मेदारी बनती है । उसे भी लव लैटर लिखना चाहिए । पर लिखे कैसे ? आता ही नहीं है लव लीटर लिखना । पहले कभी लिखा भी तो नहीं था ना । काश कोई सिखा दे ! अचानक उसे याद आया उसकी सहेली रानी को रघु ने एक लव लैटर लिखा था । फिर रानी ने भी उसका जवाब दिया था । रानी ने दोनों लव लैटर उसे पढ़वाये थे । मगर उसे अब याद नहीं है । क्या उसे रानी के पास जाना चाहिए ? वो भी इतनी रात में ? और वो भी अकेले ? डर नहीं लगेगा क्या ?
जवाब उसके मन ने ही दिया । लव लैटर लिखना है तो किसी न किसी की मदद तो लेनी ही होगी उसे । जहाँ तक वो जानती है प्यार से संबंधित समस्त कार्य रात्रि में ही तो होते हैं । दिन के उजाले में ऐसे काम नहीं होते । ये अलग बात है कि ऐसे काम आजकल दिन में भी होने लगे हैं । रही बात अकेले की तो इस काम को किसी और के साथ नहीं कर सकते हैं न । भंडा फूटने का डर जो है । रही बात डर की तो "जब प्यार किया तो डरना क्या ? लव लैटर ही तो लिखना है कोई चोरी थोड़ी करनी है । यूं छुप छुप आहें भरना क्या" ?
तो गुलाबो ने "सोचना क्या जो भी होगा देखा जायेगा" गाने की तरह ही रात में ही रानी के घर जाने का मन बना लिया । मम्मी को बहाना बनाया "रानी से कुछ नोट्स लेने हैं । कल परीक्षा है । अर्जेंट है । और कोई विकल्प नहीं है " ।
मम्मी "अकेली क्यों जा रही है ? गब्बर को साथ ले ले" । गब्बर उसके भाई का नाम था ।
"भैया क्या करेंगे वहां ? मैं अकेली ही चली जाऊंगी" ।
"नहीं , भैया साथ जायेगा । जमाना खराब है और तू ठहरी लड़की । रात में अकेले नहीं भेजूंगी "।
रानी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था । आखिर वह गब्बर के साथ चल दी । रास्ते में बाजार पड़ा । वहां पर सिनेमा हॉल था । रानी ने बहुत दिनों के बचाये पैसों में से पांच रुपये गब्बर को दिये और कहा "भैया, आपको शोले फिल्म देखनी थी ना । लो देख लो । तब तक मैं और रानी डिस्कस करते हैं । फिल्म देखकर रानी के घर आ जाना फिर हम दोनों साथ साथ घर चलेंगे " । गब्बर सहर्ष तैयार हो गया ।
रानी और गुलाबो एक कमरे में बैठकर बातें करने लगीं । गुलाबो ने अपनी समस्या बताई तो रानी ने कहा कि पहले उसका लव लैटर दिखाओ । गुलाबो ने वह पत्र उसे दे दिया । पत्र पढ़ने के बाद रानी बोली " फिल्मी पत्र लग रहा है ये तो ? अपुन को भी फिल्मी पत्र ही लिखना होगा । गुलाबो ने अपनी सहमति दे दी ।
रानी को खूब सारे फिल्मी गाने आते थे तो उसने चुन चुन कर लिखना शुरू कर दिया ।
मेरे सपनों के देवता
मेरे महबूब तुझे सलाम
आपका खत मिला आपका शुक्रिया
आपने याद हमको किया
शुक्रिया शुक्रिया ।
नैनों में सपना सपनों में सजना
सजना पे दिल आ गया क्यों सजना पे दिल आ गया
ऐ मेरे हमसफर एक तेरा इंतजार
सुन सदाएं दे रहीं हैं मंजिल प्यार की
मुझे नींद ना आये मुझे चैन ना आये
कोई जाये जरा ढ़ूंढ के लाये
न जाने कहां दिल खो गया
सुन सायबा सुन, प्यार की धुन
ओ मैंने तुझे चुन लिया तू भी मुझे चुन
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आपकी कसम आपकी कसम
साथ जियेंगे साथ मरेंगे हम तुम दोनों छैला
मरन से ना यूं डरना, मरने से ना यूं डरना
आजा राजा बरात लेकर आ जा
सिंदूर लेके खड़ी हूं मेरी मांग तू सजा जा ।
आज बस इतना ही । बाकी बाद में
सिर्फ तुम्हारी
गुलाबो
रानी और गुलाबो ने कई दफा वह लव लैटर पढ़ा । गुलाबो ने कहा "बहुत अच्छा है । मजा आ गया । तू तो एक्सपर्ट् है इसमें । लगता है रघु रोज लव लैटर लिखता है तुझे" ।
"अरे कहाँ ? उसे फुर्सत कहां मिलती है ? कितनी छोरियां लिखती हैं उसे लव लैटर । सबको भी तो जवाब देना पड़ता है न । मेरा नंबर तो बहुत बाद में आता है" ।
"क्या ? रघु की बहुत सी गर्लफ्रेंड्स हैं ? और तू उन सबको झेल लेती है" ?
"क्या करें यार, मजबूरी है" ।
"मजबूरी ! कैसी मजबूरी" ?
"गांव में मर्द छोरे हैं ही कितने ? एक तो रघु और दूसरा रवि । बाकी तो डरपोक, कायर, शर्मीले, लिजलिजे से हैं । मुझे तो मर्द आदमी चाहिए कोई लल्लू पंजू नहीं । रवि ने घास डाली नहीं तो ले देकर रघु ही बचा । उसे तो लपकना ही था" ।
"तू उनको जानती है" ?
"हां, मैं ही क्या, पूरा गांव जानता है" ।
"एक बात पूछूं " ?
"हां, पूछ ना"
"क्या वो भी ऐसे हैं" ?
"कैसे" ?
"तेरे उनके जैसे । मतलब क्या इनके भी कई लड़कियों के संग चक्कर ... "
रीना जोर से हंसी । "पगली , वो तो हीरो है हीरो । एकदम गोरा चिट्टा , सुडौल बदन । स्टाइलिश । चिकना । उस जैसा तो पूरे गांव में एक भी लड़का नहीं है । गांव की सारी लड़कियां मरती हैं उस पर । शुक्र कर कि उसने तुझे पसंद किया । उससे बेहतर लड़का कोई नहीं है गांव में" ।
रानी की बातें सुनकर गुलाबो का दिल बैठ गया । क्या रवि के और लड़कियों से भी संबंध हैं ? अगर हां , तो वह उससे कोई संबंध नहीं रखना चाहती है । ऐसा सोचकर गुलाबो उठ खड़ी हुई । लव लैटर हाथ में लिया और चलने लगी ।
रीना ने उसे समझाते हुये कहा "मेरी बात को अदरवाइज मत लेना । तू मेरी फ्रेंड है और फ्रेंड की बातें बिलकुल सही होती हैं । तू ध्यान से सुन। रवि कोहिनूर है । माना कि उसके साथ इस समय 15-20 लड़कियां हैं । पर तेरी बात सबसे अलग है। सब लड़कियां जान देती हैं रवि पर । आरती को तो जानती है न" ?
"हां, जानती हूं । क्या हुआ उसे" ?
"तुझे पता नहीं ? उसने अपने हाथ की नसें काट ली थी" ।
"पर क्यों" ?
"रवि ने उसे घास नहीं डाली थी इसलिए"
"हाय राम ! फिर "?
"फिर क्या ? रवि को झुकना पड़ा"
"ओह माई गॉड" ।
"रवि ऐसा ही है । वो किसी एक का हो ही नहीं सकता है । वह तो एक बंजारे की तरह है । आज यहां तो कल कहां ? खुद उस बंजारे को भी पता नहीं होता है । वह तो एक आवारा बादल है जो आसमान में मुक्त होकर घूमता है । न जाने कितनी बिजलियाँ उससे मिलती हैं और न जाने कहां खो जाती हैं । बादल अपनी चाल से चलता रहता है । शान से रहता है । हाथी सा मस्त है । शेर सा दिलेर है । श्याम की तरह लड़कियों के बीच रास रचाता है । हर किसी के हाथ कहां आता है "?
गुलाबो सोच में पड़ गई । अगर रवि श्याम है तो वह भी राधा है । वह भी श्याम से कम नहीं है ।लड़कों की फौज खड़ी रहती है सड़कों पर उसके दीदार के लिए । ये नहीं चलने वाला है । अगर रवि को मुझसे प्यार करना है तो उसे केवल मुझसे ही प्यार करना होगा बाकी किसी भी अन्य लड़की से सब संबंध खत्म करने होंगे । कह देना उसको । बड़ा आया श्याम रंगीला" ?
जवाब उसके मन ने ही दिया । लव लैटर लिखना है तो किसी न किसी की मदद तो लेनी ही होगी उसे । जहाँ तक वो जानती है प्यार से संबंधित समस्त कार्य रात्रि में ही तो होते हैं । दिन के उजाले में ऐसे काम नहीं होते । ये अलग बात है कि अकटआजकल होने लगे हैं । रही बात अकेले की तो इस काम को किसी और के साथ नहीं कर सकते हैं । भंडा फूटने का डर जो है । रही बात डर की तो "जब प्यार किया तो डरना क्या ? लव लैटर ही तो लिखना है कोई चोरी थोड़ी करनी है । यूं छुप छुप आहें भरना क्या" ?
तो गुलाबो ने "सोचना क्या जो भी होगा देखा जायेगा" गाने की तरह ही रात में ही रानी के घर जाने का मन बना लिया । मम्मी को बहाना बनाया "रानी से कुछ नोट्स लेने हैं । कल परीक्षा है । अर्जेंट है । और कोई विकल्प नहीं है " ।
मम्मी "अकेली क्यों जा रही है ? गब्बर को साथ ले ले" । गब्बर उसके भाई का नाम था ।
"भैया क्या करेंगे वहां ? मैं अकेली ही चली जाऊंगी" ।
"नहीं , भैया साथ जायेगा । जमाना खराब है और तू ठहरी लड़की । रात में अकेले नहीं भेजूंगी "।
रानी के पास कोई विकल्प नहीं बचा था । गब्बर के साथ चल दी । रास्ते में बाजार पड़ा । वहां पर सिनेमा हॉल था । रानी ने बहुत दिनों के बचाये पैसों में से पांच रुपये गब्बर को दिये और कहा "भैया, आपको शोले फिल्म देखनी थी ना । लो देख लो । तब तक मैं और रानी डिस्कस करते हैं । फिल्म देखकर रानी के घर आ जाना फिर हम दोनों साथ साथ घर चलेंगे " । गब्बर सहर्ष तैयार हो गया ।
रानी और गुलाबो एक कमरे में बैठकर बातें करने लगीं । गुलाबो ने अपनी समस्या बताई तो रानी ने कहा कि पहले उसका लव लैटर दिखाओ । गुलाबो ने वह पत्र उसे दे दिया । पत्र पढ़ने के बाद रानी बोली " फिल्मी पत्र लग रहा है ये तो ? अपुन को भी फिल्मी पत्र ही लिखना होगा । गुलाबो ने अपनी सहमति दे दी ।
रानी को खूब सारे फिल्मी गाने आते थे तो उसने चुन चुन कर लिखना शुरू कर दिया ।
मेरे सपनों के देवता
मेरे महबूब तुझे सलाम
आपका खत मिला आपका शुक्रिया
आपने याद हमको किया
शुक्रिया शुक्रिया ।
नैनों में सपना सपनों में सजना
सजना पे दिल आ गया क्यों सजना पे दिल आ गया
ऐ मेरे हमसफर एक तेरा इंतजार
सुन सदाएं दे रहीं हैं मंजिल प्यार की
मुझे नींद ना आये मुझे चैन ना आये
कोई जाये जरा ढ़ूंढ के लाये
न जाने कहां दिल खो गया
सुन सायबा सुन, प्यार की धुन
ओ मैंने तुझे चुन लिया तू भी मुझे चुन
करवटें बदलते रहे सारी रात हम
आपकी कसम आपकी कसम
साथ जियेंगे साथ मरेंगे हम तुम दोनों छैला
मरन से ना यूं डरना, मरने से ना यूं डरना
आजा राजा बरात लेकर आ जा
सिंदूर लेके खड़ी हूं मेरी मांग तू सजा जा ।
आज बस इतना ही । बाकी बाद में
सिर्फ तुम्हारी
गुलाबो
रानी और गुलाबो ने कई दफा वह लव लैटर पढ़ा । गुलाबो ने कहा "बहुत अच्छा है । मजा आ गया । तू तो एक्सपर्ट् है इसमें । लगता है रघु रोज लव लैटर लिखता है तुझे" ।
"अरे कहाँ ? उसे फुर्सत कहां मिलती है ? कितनी छोरियां लिखती हैं उसे लव लैटर । सबको
fiza Tanvi
15-Jan-2022 11:54 AM
Bahut badiya
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
15-Jan-2022 01:05 PM
धन्यवाद जी
Reply
रतन कुमार
10-Jan-2022 06:48 PM
वाह बहुत ही बढ़िया पढ़कर मजा आया इस लगा कुछ गानों की जो अपने मिक्स किया है हो तो गजब है बहुत बहुत बधाई आपको सुन्द लेखन के लिए
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
10-Jan-2022 10:12 PM
जी, खूबसूरत समीक्षा के लिए हार्दिक आभार आपका
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Roshan
10-Jan-2022 05:34 PM
Nice jii
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Hari Shanker Goyal "Hari"
10-Jan-2022 10:11 PM
धन्यवाद जी
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